जून में हुए एयर इंडिया फ्लाइट 171 क्रैश की जांच में एक द्रामातिक मोड़ आया है, जिसमें 260 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, क्योंकि कॉकपिट रिकॉर्डिंग्स सुझाव देती हैं कि कैप्टन ने आपातकालीन समय पर इंजन्स के लिए ईंधन काट दिया हो सकता है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स में ईंधन नियंत्रण स्विच को 'कटऑफ' स्थिति में ले जाने की बात की गई है, लेकिन अधिकारी चेतावनी देते हैं कि कारण अनुपष्टित है और जांच जारी है। इस जांच ने तीव्र बहस को जलाया है, जिसमें भारतीय प्राधिकरण और पायलट यूनियन ने पश्चिमी मीडिया की ध्वनि को अग्रिम निष्कर्ष निकालने और निष्पक्ष, विस्तृत जांच की आवश्यकता को जोर दिया है। यह क्रैश बोइंग 787 को शामिल करने वाली पहली घातक हादसा है, जिससे पायलट क्रियाओं और संभावित तकनीकी खराबियों के सवाल उठते हैं। जब अनुमान बढ़ता है, तो अधिकारी निर्णायक जवाब देने के लिए अंतिम रिपोर्ट जारी होने तक सब्र की अपील करते हैं।
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